न चूड़ी न कंगन
न सिक्कों की खन खन
न गोटे की साड़ी
न पायल की छन छन !
न गहना न गुरिया
न चूनर न लहँगा
न देना मुझे कोई
उपहार महँगा !
मुझे चाहिए बस
दुआओं का तोहफा
मुरव्वत का तोहफा
मुहब्बत का तोहफा !
मुझे चाहिये एक
तुमसे ये वादा
निभाना उसे चाहे
हो कोई बाधा !
रहोगे सदा वृक्ष
की छाँह बन कर
जियोगे सदा दीप
की ज्योत बन कर !
रखोगे सदा नेह
का हाथ सिर पर
चले आओगे एक
आवाज़ सुन कर !
है बैठा सुबह से
मेरी छत पे कागा
तुम्हें खींच लायेगा
राखी का धागा !
खड़ी द्वार पर हूँ
हैं पथ पर निगाहें
चले आओ भैया
मैं तकती हूँ राहें !
प्रभु आज तुमसे है
इतनी सी विनती
हों भैया की झोली में
खुशियाँ अनगिनती !
साधना वैद
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में " गुरुवार 15 अगस्त 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteदिल जीत लिया आपकी रचना ने...स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँँ ।
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति रक्षाबंधन एवम् स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाए
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (16-08-2019) को "आजादी का पावन पर्व" (चर्चा अंक- 3429) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
स्वतन्त्रता दिवस और रक्षाबन्धन की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (16-08-2019) को "आजादी का पावन पर्व" (चर्चा अंक- 3429) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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स्वतन्त्रता दिवस और रक्षाबन्धन की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वाह !बहुत ही सुन्दर सृजन
ReplyDeleteसादर
आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार मीना जी ! सप्रेम वन्दे !
ReplyDeleteजी मीना जी ! रचना आपको अच्छी लगी मेरा हृदय भी मगन हुआ ! हार्दिक आभार !
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद ऋतु जी ! हृदय से आभार !
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद अनीता जी ! आभार आपका !
ReplyDeletevery nice sadhana ji
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई...बेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद दीपशिखा जी !
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद संजय ! आभार आपका !
ReplyDeleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (5 -8 -2020 ) को "एक दिन हम बेटियों के नाम" (चर्चा अंक-3784) पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।
---
कामिनी सिन्हा
वाह!!!
ReplyDeleteरक्षाबंधन पर बहुत ही भावपूर्ण सृजन।