अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विश्व की समस्त नारी शक्ति को सादर नमन एवं सभी महिला साथियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
बेटी जनमी
घटा जीवन तम
लाई खुशियाँ
ज़िंदगी गाने लगी
रोशनी छाने लगी !
कथा पुरानी
आँचल में है दूध
आँखों में पानी !
सिंधु सा मन
पर्वत सा हौसला
फूल सा तन !
बाँध लिया है
मुठ्ठी में आसमान
सारा जहान !
शिक्षित कन्या
प्रतिभाशाली बेटी
सुयोग्य बहू !
आज की बेटी
प्रवाहमान नदी
चंचल हवा
है शीतल चन्द्रमा
तो प्रखर सूर्य भी !
मरोड़ती है
रूढ़ियों की उँगली
आज की बेटी !
उन्नति पथ
तोड़ती वर्जनायें
बढ़ती बेटी !
गढ़ती तन
शुद्ध करती आत्मा
देती संस्कार !
घर की शान
परिवार का मान
शिक्षित बेटी !
एक छलाँग
और नाप लिये हैं
सातों गगन
बाँधने को बाहों में
चाँद और सूरज !
साधना वैद
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (10-03-2019) को "पैसेंजर रेल गाड़ी" (चर्चा अंक-3269) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'