समय समय पर अनेक विलक्षण व्यक्तित्व के महानुभावों से मैं आपका परिचय करा चुकी हूँ ! आज भी एक ऐसे ही व्यक्ति से मैं आपका परिचय कराने जा रही हूँ जिनकी अपने काम के प्रति अनन्य निष्ठा एवं समर्पण अनुकरणीय ही नहीं स्तुत्य भी है ! ये है श्री सोनू यादव, एक बहुत ही कर्मनिष्ठ, अनुशासन प्रिय डॉग ट्रेनर एवं ‘यादव डॉग ट्रेनिंग सेंटर’ के मालिक एवं संचालक ! यह आगरा में रहते हैं और इनका प्रमुख व्यवसाय हर तरह के कुत्तों को प्रशिक्षण देना है ! डॉग ट्रेनर्स तो बहुत देखे लेकिन इनके व्यक्तित्व में कुछ विशेष बात निश्चित है कि बिना कुछ बोले भी कुत्ते इनकी आँखों की भाषा समझ लेते हैं और एकदम अनुशासित होकर शांत बैठ जाते हैं !
सोनू जी से प्रथम परिचय कुछ माह पूर्व ही हुआ जब हमने अपने पेट विराट को ट्रेनिंग देने के लिए उनसे संपर्क किया ! विराट किसी विशिष्ट ब्रीड का कुत्ता नहीं है ! एक साधारण देसी कुत्ता है इसीलिये हमें चिंता थी कि बड़ा होकर यह कहीं कॉमन स्ट्रीट डॉग्स की तरह झगड़ालू और कटखना ना हो जाए ! सोनू जी ने उसे तीन चार दिन में ही इतना काबू में कर लिया कि हम तो अचंभित ही हो गए ! जो पहले एक बात नहीं सुनता था तीन महीने की ट्रेनिंग में आज बड़े बड़े करतब करने लगा है !
सोनू जी ने 2012 में बी एस एफ़ में ट्रेनिंग ज्वाइन की थी ! लेकिन एक डेढ़ महीने में ही लॉन्ग जम्प के अभ्यास के दौरान फ्रैक्चर हो गया और वह जॉब छोड़ना पड़ गया ! वहाँ से लौटने के बाद उन्होंने बड़ा संघर्ष किया ! कई जगह कई तरह के काम किये लेकिन कहीं संतोषजनक परिणाम नहीं मिल रहे थे ! सोनू जी को जानवरों से बहुत लगाव है ! कुत्तों से उन्हें विशेष प्रेम है और वे इशारों में कुत्तों से अपने मनमाफिक काम करा लेते हैं ! अंतत: जीविका के लिए सोनू जी ने अपने इसी गुण को आजमाने का निश्चय किया और इस तरह से ‘यादव डॉग ट्रेनिंग सेंटर’ की स्थापना हुई ! आगरा में उनका यह ट्रेनिंग सेंटर अच्छा खासा मशहूर है और गूगल सर्च में सबसे ऊपर इसीका नाम आता है !
आम तौर पर सभी लोगों के अनेकों फैन्स होते हैं लेकिन यादव जी के फैन्स बाकी सबसे दोगुने हैं ! क्योंकि उनमें इंसान ही नहीं उनके प्रशिक्षित किये अनेकों कुत्ते भी हैं जो उनके आने पर उनकी खुशबू से ही दीवाने हो जाते हैं ! हमारे विराट को ट्रेनिंग देने के लिए जब उनके आने का समय होता है तो उसकी बेचैनी और हाव भाव से ही हमें समझ में आ जाता है कि दो तीन मिनिट्स में ही गेट पर यादव जी प्रकट होने वाले हैं ! वो बताते हैं कि एक डॉग की ट्रेनिंग के लिए वे जहाँ जाते थे उसके मालिक फर्स्ट फ्लोर पर रहते थे ! उनके पहुँचने पर वह इतना अधीर हो गया कि फर्स्ट फ्लोर की बालकनी से नीचे कूद गया और अपना पैर तुड़वा बैठा ! सोनू जी ने कई दिनों तक उसकी बड़ी सेवा की ! दयावान इतने कि एक लावारिस सांड के इलाज में अपने पास से ३५००० रुपये खर्च कर दिये ! आवारा स्ट्रीट डॉग्स के लिए शेल्टर भी बनवाना चाहते हैं ! अक्सर बड़े दार्शनिक अंदाज़ में कहते हैं सब कुछ यहीं तो छूट जाना है तो जितना इन लोगों की सेवा और देख रेख में काम आ जाए अच्छा ही है ! लेकिन कुत्तों के मालिकों से अच्छी खासी फीस भी लेते हैं ! कुछ कम्यूनिस्टिक अप्रोच है जो दे सकते हैं उनसे लेकर उन प्राणियों पर खर्च कर देते हैं जिनका कोई रखवाला नहीं !
सोनू जी के कई वीडियो यू ट्यूब पर उपलब्ध हैं जिनमें उनके सिखाये हुए कुत्तों को बड़े ही अद्भुत करतब करते हुए देख कर आप दाँतों तले उँगली दबा लेंगे ! अपने हुनर में वे निश्चित ही न. वन हैं ! बड़े बड़े बिगड़ैल कुत्तों को वो साध चुके हैं और कई बार उनसे घायल भी हो चुके हैं लेकिन अपने काम के प्रति उनके समर्पण में कोई कमी नहीं आई ! कुत्तों का वो हर तरह से बहुत ध्यान रखते हैं ! उनकी हर छोटी बड़ी तकलीफ का इलाज उनके पास होता है और उसे वे बड़े प्यार से धर्म समझ कर अंजाम देते हैं ! अपने विराट को प्रशिक्षण के लिए उन्हें सौंप कर हम बहुत संतुष्ट भी हैं और प्रसन्न भी ! पिक्चर्स में देखिये हमारा विराट कितना खुश है उनके साथ !
शुक्रिया सोनू जी !
शुक्रिया सोनू जी !
यादव जी का परिचय जान कर अच्छा लगा ,सादर नमन साधना जी
ReplyDeleteअरे वाह! वैसे आजकल हमने भी एक बिल्ली पाल रखी है. बड़ा मज़ा आता है इन मूक जीवों के प्यार की भाषा समझने में. यादव जि के लिये सैल्युट और आपका धन्यवाद उनसे मिलवाने के लिये!!
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद कामिनी जी !
ReplyDeleteस्वागत है आपका सलिल जी ! हृदय से बहुत - बहुत धन्यवाद एवं आभार आपका ! आप बिलकुल सत्य कह रहे हैं ! इन मूक जीवों के साथ थोड़ा सा भी समय बिता कर मूड तो अच्छा हो ही जाता है फिर से तरोताज़ा होकर काम करने के लिए ऊर्जा भी मिल जाती है !
ReplyDeleteबहुत सही लिखा है |
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