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Friday, April 1, 2022

अरदास

 


 

भरोसा

टूट गया

छलनी हुआ हृदय

बातें सुनके

किसीकी  

 

सांत्वना

नहीं कोई

इससे बढ़ कर

साथ मिला

तुम्हारा

 

सहारा

कोई नहीं

संसार भर में

आँचल मिला

तुम्हारा

 

माँ

समेट लेना

गोदी में अपनी

जग से

बचाना

 

माँ

दुबका लेना  

आँचल में अपने

दुख से

छिपाना  

 

सुकून

मिलेगा मुझे

आँचल में तेरे

जब मैं

सोऊँगी

 

हल्का

हो जाएगा

दग्ध हृदय मेरा

जब मैं

रोऊँगी

 

घाव

भर जायेंगे

पल में सारे

स्पर्श से

तुम्हारे

 

पास

जो रहोगी  

हो जायेंगे दूर

सब दुःख

हमारे !

 

प्रार्थना

छोटी सी

सुन लेना माता

बेटी की

अपनी

 

कृतज्ञ

रहेगी सदा

अगर मान लोगी

बेटी की

विनती !

 

 

साधना वैद

 

 

 

 


7 comments :

  1. This comment has been removed by the author.

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  2. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 03 अप्रैल 2022 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद एवं बहुत बहुत आभार यशोदा जी ! सप्रेम वन्दे !

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  3. हार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  4. या देवी सर्व भूतेषु मातृरूपेण संस्थिता
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

    भावभीनी प्रार्थना

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    1. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार नूपुरम जी !

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  5. सुन्दर सयाकी छंद |

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