गणतंत्र दिवस की
हार्दिक शुभकामनायें
आम जन की
टूटी अभिलाषायें
जुड़ पायेंगी ?
लोकतंत्र को
सबल सरकार
मिल पायेगी ?
जुड़ पायेंगी ?
लोकतंत्र को
सबल सरकार
मिल पायेगी ?
भोली प्रजा की
रोजी रोटी की चिंता
मिट पायेगी ?
शोषित नारी
अधिकारों के लिये
लड़ पायेगी ?
अपने लिए
समाज में जगह
बना पायेगी ?
संस्कारहीन
पथभ्रष्ट युवा के
पाँव रुकेंगे ?
भ्रष्ट जनों के
लोभपूर्ण कृत्यों से
मुक्ति मिलेगी ?
दीन को रोटी
सिर पर छप्पर
मिल पायेगा ?
बच्चों को शिक्षा
बुजुर्गों को भरोसा
मिल पायेगा ?
सह पायेगी
कष्ट कुशासन का
भारतमाता ?
है पैंसठवाँ
गणतंत्र दिवस
क्या बदलेगा ?
कितने प्रश्न
सभी अनसुलझे
उत्तर दोगे ?
तीव्र इच्छा एवं
मंगलकामना है कि इस गणतंत्र दिवस
पर आम जन की चिंताओं
और उद्विग्नता का शमन हो
और बुनियादी
आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये किये जाने
वाले उसके सतत
संघर्ष को विराम मिले !
जय भारत !
चित्र - गूगल से साभार
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