प्रदेश में बच्चे ‘चमकी’
बुखार और लू से
बड़ी संख्या में हर
रोज़ मर रहे हैं
ज़मीनी हकीक़त से बड़ी गहराई
से जुड़े नेताजी
हवाई सर्वेक्षण से
स्थिति का जायज़ा
लेने का उपक्रम कर रहे
हैं !
कष्ट भोग रही, दुखों
से जूझती
जनता के सवालों के
जवाब
कहाँ हैं उनके पास
हेलीकॉप्टर की खिड़की
से दिखते
टीले पहाड़, नदी नाले,
गाँव देहात, जंगल
मैदान
लगते हैं कितने सुन्दर,
कितने ख़ास !
सारा विचार विमर्श
इन कुदरती नज़ारों से
कर
इन्हें तो भरमा ही लेंगे
नेता जी
सारी ज्वलंत समस्याओं
के
सार्थक और सटीक
समाधान
इन्हें तो थमा ही देंगे
नेताजी !
न पूछेंगे ये कोई
सवाल
ना होगा धरना, विरोध
या कोई प्रदर्शन
ना मचेगा कोई बवाल !
आम के आम गुठलियों
के दाम !
बनी रहेगी प्रदेश
में शान्ति
और निखर जायेगी
नेताजी के मुख मंडल
की कान्ति !
इतने ज़बरदस्त श्रम
के बाद
ज़मीनी विपदाओं से
जूझ कर
थके हारे लौटने के
बाद
नेताजी का अपने कक्ष
में
लंबा विश्राम करने
का हक़ तो
तो बनता है ना !
समस्याओं की ओखली
में
अपना सर देने के लिए
और
विपत्तियों की दु:सह
मार झेलने के लिए
तो जनता है ना !
कल फिर जाना होगा नेता
जी को
जनता के दुखों के
निवारण के लिये
किसी और दिशा में
फिर किसी हवाई
सर्वेक्षण पर,
इसलिए आराम करने दो
उन्हें
पूरा पूरा हक़ है
उनका
जनता की ज़िंदगियों
पर और
जनता के श्रम से
कमाए धन पर !
साधना वैद
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार जून 23, 2019 को साझा की गई है पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (23 -06-2019) को "आप अच्छे हो" (चर्चा अंक- 3375) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
....
अनीता सैनी
आज सलिल वर्मा जी ले कर आयें हैं ब्लॉग बुलेटिन की २४५० वीं बुलेटिन ... तो पढ़ना न भूलें ...
ReplyDeleteरहा गर्दिशों में हरदम: २४५० वीं ब्लॉग बुलेटिन " , में आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार सलिल जी ! सादर वन्दे !
ReplyDeleteबेहद संवेदनशील विषय पर यथार्थ विवेचना कटु सत्य।
ReplyDeleteविचरणीय रचना👌👌
बेहतरीन रचना ,यथार्थ और सटीक ,नमस्कार दी
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद श्वेता जी ! दिल से आभार आपका !
ReplyDeleteनमस्कार कामिनी जी ! आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteसटीक और सामयिक रचना
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद अनुराधा जी ! आभार आपका !
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! आभार आपका !
ReplyDeleteकविता शानदार है |
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद जीजी !
ReplyDelete