मातृ दिवस पर विशेष
मिट्टी से हूँ गढ़ी हुई
चौखट में हूँ जड़ी हुई
छाया हूँ मैं तेरी माँ !
रचना हूँ मैं तेरी माँ !
काँटों के संग उगी हुई
तीक्ष्ण धूप में पगी हुई
कलिका हूँ मैं तेरी माँ !
रचना हूँ मैं तेरी माँ !
युद्ध भूमि में डटी हुई
सुख सुविधा से कटी हुई
सेना हूँ मैं तेरी माँ !
रचना हूँ मैं तेरी माँ !
संघर्षों से दपी हुई
कुंदन जैसी तपी हुई
मूरत हूँ मैं तेरी माँ !
रचना हूँ मैं तेरी माँ !
अंतर्मन पर खुदी हुई
रोम रोम पर रची हुई
कविता हूँ मैं तेरी माँ !
रचना हूँ मैं तेरी माँ !
सात सुरों से सधी हुई
मीठी धुन में बँँधी हुई
विनती हूँ मैं तेरी माँ !
रचना हूँ मैं तेरी माँ !
हर पल मेरे पास है तू
हर पल मेरे साथ है तू
धड़कन है तू मेरी माँ !
रचना हूँ मैं तेरी माँ !
साधना वैद
"...
ReplyDeleteयुद्ध भूमि में डटी हुई
सुख सुविधा से कटी हुई
सेना हूँ मैं तेरी माँ !
रचना हूँ मैं तेरी माँ !
...""
यह तो मैं अपने व्यवहार में रोज देखता हूं कि वो युद्ध में है और मैं उनका सेना जो डटकर उनका साथ दे रहा है। इन पंक्तियों को पढकर मेरे मुख पे एक छोटी मुस्कान थी।
जी आपने बहुत ही बेहतरीन रचना रच दिया है...अन्य रचनाओं (माँ पर) से बिल्कुल भिन्न है।
हार्दिक धन्यवाद प्रकाश जी ! रचना आपको अच्छी लगी मेरा लिखना सार्थक हुआ ! आपका बहुत बहुत आभार !
Deleteमाँ कहीं न कहीं बेटी के अंदर जीवित रहती है । सुंदर रचना ।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद संगीता जी ! आपकी प्रतिक्रिया मन को आल्हादित कर जाती है ! दिल से बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteआपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार प्रिय सखी यशोदा जी ! सप्रेम वन्दे !
ReplyDeleteमां बेटी के संबंधों पर बहुत खूब लिखा साधना जी प्रणाम
ReplyDeleteयुद्ध भूमि में डटी हुई
सुख सुविधा से कटी हुई
सेना हूँ मैं तेरी माँ !
रचना हूँ मैं तेरी माँ !
आपको रचना पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ ! हृदय से आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अलखनंदा जी ! स्वागत है आपका इस ब्लॉग पर !
Deleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज सोमवार (१० -०५ -२०२१) को 'फ़िक्र से भरी बेटियां माँ जैसी हो जाती हैं'(चर्चा अंक-४०६१) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी ! सप्रेम वन्दे !
Deleteबहुत खूबसूरत, मां ऐसी ही होती है
ReplyDeleteहृदय से स्वागत है आपका इस ब्लॉग पर भारती जी ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद अनुराधा जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteबहुत खूबसूरत रचना मैम
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद प्रीति जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
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