अन्ना के एक आह्वान पर सारा देश सड़कों पर उतर आया है और सत्ताधारी भ्रष्ट नेताओं के माथे पर मायूसी और चिन्ता की लकीरें साफ़ साफ़ दिखाई दे रही हैं ! एक दुबला पतला कमज़ोर सा दिखाई देने वाला नेता इन कद्दावर और हर तरह से सबल समर्थ मंत्रियों की ऐसी फजीहत कर सकता है यह तो किसीने सोचा भी नहीं होगा ! जनता चाहे तो क्या नहीं कर सकती ! अन्ना ठीक कहते हैं ! ये नेता हमारे द्वारा चुने गये हमारे सेवक हैं हमारे शासक या भगवान नहीं ! अपने हर काम का व्यौरा जनता को देना इनका कर्तव्य है और इनको सौंपे गये हर काम की कैफियत इनसे माँगने का जनता को अधिकार है ! हम क्यों इनसे भयभीत रहते हैं ? क्यों इनकी जयजयकार करते हैं ? क्यों इनकी दयादृष्टि पाने के लिये लालायित रहते हैं ? अन्ना का किसी भी पार्टी के नेता को अपने मंच पर साथ ना बैठने देना ही इस बात को सिद्ध करता है उनकी लड़ाई किसी पार्टी विशेष से नहीं वरन समूची राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार को नेस्तनाबूद कर देने के लिये है ! आज की राजनीति का चेहरा कितना वीभत्स है इसे अन्ना ने बेनकाब कर दिया है ! वे भ्रष्ट नेताओं को अपने अभियान के साथ जोड़ कर उन्हें राजनैतिक लाभ उठाने का कोई अवसर नहीं देना चाहते ! यह उनकी बुद्धिमता और नेतृत्व संचालन की कुशलता का द्योतक है !
नेतृत्व क्या होता है और नेता किसे कहते हैं इसे अन्ना हजारे ने सिद्ध कर दिया है ! जो काम हमारे चुने हुए नेता वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद भी नहीं कर पाये वह अन्ना ने तीन दिन में कर दिखाया है ! नेता का व्यक्तित्व कितना भव्य और आकर्षक है, वह कितना विद्वान और पंडित है या उसके पास कितना वाक् चातुर्य है यह बात मायने नहीं रखती ! जो बात महत्वपूर्ण है वह यह कि नेता की नीयत कितनी साफ़ है, उसके मन में जनता के हित के लिये जो समर्पण की भावना है वह वास्तव में कितनी सच्ची और ईमानदार है और उसके उठाये हुए मुद्दों में सामाजिक सरोकारों के प्रति कितनी प्रतिबद्धता है ! जनता बेवकूफ नहीं है ! असली और नकली में फर्क करना उसे आता है ! अन्ना को जनता का जितना प्यार और समर्थन मिल रहा है वह अभिभूत करता है ! शायद गांधीजी के बाद ये पहले नेता हैं जिनके एक संकेत पर बच्चे से लेकर बूढ़े तक, कलाकार से लेकर व्यापारी तक और छात्रों से लेकर गृहणियाँ तक उनकी शक्ति बढ़ाने के लिये उनके साथ आ जुटे हैं !
पद्म श्री और पद्मभूषण के अलावा अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित अन्ना के खाते में कई और भी अनेकों उपलब्धियां हैं जिनसे उनके विलक्षण व्यक्तित्व का परिचय मिलता है ! भारतीय फौज में एक सामान्य सिपाही ड्राइवर के रूप में अपना कैरियर आरम्भ करने वाले अन्ना ने खेमकरण सेक्टर में जान की बाजी लगा दी थी और उस मोर्चे पर मारे गये जवानों में केवल एक वे ही गंभीर रूप से घायल जीवित बचे एक मात्र भाग्यशाली जवान थे ! इसके बाद उन्होंने फ़ौज से रिटायरमेंट लेकर महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त गाँव के पुनरुत्थान के लिये स्वयं को समर्पित कर दिया ! जिस गाँव से पानी के अभाव के कारण लोग पलायन करने के लिये विवश हो चुके थे उसे उन्होंने स्वयं श्रमदान कर प्रांत का मॉडल विलेज बना कर ही दम लिया ! यह उनकी दृढ़इच्छाशक्ति एवं जीवट का परिचायक है ! सूचना के अधिकार का बिल भी उन्होंने ही पास करवाया था और आज लोकपाल बिल को लेकर व्यवस्था में व्याप्त जिस गन्दगी को साफ़ करने का बीड़ा उन्होंने उठाया है उसमें सारा भारत उनके साथ है ! अपने समय की लगभग सभी राजनैतिक पार्टियों के खिलाफ उन्होंने जनहित में आंदोलन किये चाहे वह कोंग्रेस हो, भाजपा हो या शिवसेना, उन्होंने किसी भी पार्टी की अनैतिक गतिविधियों को बख्शा नहीं !
अन्ना जी जो भाग्यशाली इस समय आपके साथ सशरीर उपस्थित हैं केवल वही आपके समर्थक नहीं हैं ! घरों में रहने वाले भी आपके उतने ही प्रबल समर्थक हैं ! ज़रूरत पड़ने पर इस यज्ञ में आहुति देने से वे भी पीछे नहीं हटेंगे यह हमारा वादा है आपसे ! १२ तारीख को जेल भरने की इस मुहिम में हम भी आपके साथ हैं !
साधना वैद
मन अगाध श्रद्धा एवं विश्वास से भर उठा है !
ReplyDeleteआइये , हम सब मिलकर उनके इस नेक कार्य में अपने-अपने ढंग से सहयोग कर उनका हाथ बंटाएं !
ReplyDeleteबहुत सार्थक पोस्ट..अन्ना जी की सफलता ही प्रजातंत्र की सफलता होगी..आज सभी प्रबुद्ध जन उनके साथ हैं.
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा है आपने ...इस नेक काम में हम सब उनके सहयोगी हैं ...शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteभ्रष्टाचार को मिटाने के इस प्रयास में हम भी अन्ना हजारे के साथ हैं!
ReplyDeleteबहुत सार्थक और ओजपूर्ण लेख ...सच्चे भारतीय को अन्ना का साथ देना ही होगा ..
ReplyDeleteअन्ना के लिए..
ReplyDelete"अन्ना तुम संघर्ष करो
देश तुम्हारे साथ है..."
....................
इटली के हाथो बिकी सरकार के लिए,
"जब नाश मनुज का आता है
पहले विवेक मर जाता है.."
जय हिंद
अण्णा जी के इस आंदोलन की सफलता के लिये हम सब प्रार्थना करें । ऐसा नेता सदियों में दिखाई देता है ।
ReplyDeleteइस आंदोन में धर्म, जाति, उमर का कोई भेद नही बचा समाज के सारे तबकों का प्रतिनिधित्व कर रहा है ये आंदोलन ।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में हम अन्ना जी के साथ हैं.
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (09.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
इस नेक काम में हम भी उनके साथ हैं |
ReplyDeleteआशा
हम भी अन्ना हजारे के साथ हैं!
ReplyDeleteजनता के दबे गुस्से को इज़हार करने का कोई माध्यम चाहिए था और एक मसीहा जिसके क़दमों पर वे चल सके ....
ReplyDeleteअन्ना हजारे ने ये कर दिखाया !
अन्ना हजारे जी को मेरा हजारों हार्दिक सलाम।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
०९९५५३७३२८८
www.manoramsuman.blogspot.com
अन्ना जी को दिल से सलाम....बहुत सार्थक पोस्ट...इस अभियान में सभी को साथ देना चाहिए..
ReplyDeletebhrashtachar ke viruddh koi tan se koi man se koi dhan se aur koi kalam se sabhi ek anna to kya jitne bhi anna khade honge unke sath hamara sath hamesha rahega.
ReplyDeletebahut utsah aur vishwas se labalab kar dene wale is sarthak lekh par aapko badhayi.
सामयिक और प्रभावशाली रचना . चल पड़े जिधर दो डगमग में , बढ़ चले कोटि पग उसी ओर.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है आपने |
ReplyDeleteभ्रष्टाचार को जड़ से ख़त्म करने में हम अन्ना जी के साथ हैं |
बहुत ही ओजमयी और सार्थक पोस्ट....
ReplyDeleteअभी रास्ता लम्बा है..परन्तु अन्ना हजारे जैसे महापुरुष के नेतृत्व में कदम बढ़ा दिए गए हैं...मंजिल मिल कर रहेगी .
साधना वैद जी
ReplyDeleteसाधुवाद . बहूत अच्छा लिखा.
अन्ना के जीवन के बारे में जानकर
बहूत ही अभिभूत हूँ .
मै इनके साथ था और हूँ.
भारत से भ्रष्टाचार को मिटाने
के लिए लम्बी जंग की जरुरत है,
अन्ना हजारे को सलाम .
लूण करण छाजेड