बेला के ये फूल
कितने सुन्दर,
कितने सुवासित
जैसे अधरों पे सजी
तुम्हारी मधुर मुस्कान,
जैसे हवाओं में तैरते
तुम्हारे सुरीले स्वर !
हरे कर जाते हैं
मेरा तन मन और
मेरे आकुल प्राण !
चाहता हूँ गूँथना
एक मोहक सा गजरा
तुम्हारी वेणी के लिए
सुरभित हो जाए जिससे
ये फिजा और महक जाए
हमारा भी जीवन
बेला के इन फूलों की तरह !
इन सुन्दर फूलों का
यह सन्देश पावन कर दे हमारा मन
और सार्थक कर दे
हमारा प्रयोजन !
साधना वैद