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Friday, April 4, 2025

माँ की वन्दना में कुछ माहिया

 





मैया तुम आ जाना 

अपने चरणों से 

घर पावन कर जाना 


मैं बाट निहारूँगी 

तेरे चरणों में 

निज शीश नवाऊँगी


मैं थाल सजाऊँगी

षठ रस व्यंजन का 

माँ भोग चढ़ाऊँगी


मैं चूनर लाऊँगी

चाँद सितारों से 

माँ रूप सजाऊँगी 


माँ द्वार सजाऊँगी 

पूरी श्रद्धा से 

तेरी महिमा गाऊँगी 


खुश होकर हँस देना 

अपने चरणों की

थोड़ी रज दे देना 


साधना वैद

2 comments :

  1. सुंदर प्रस्तुति.

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    1. हार्दिक धन्यवाद ओंकार जी ! आभार आपका !

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