हमारे एरिया की यह दूकान महिलाओं की सबसे पसंदीदा दूकान है ! किसी भी रंग की साड़ी आप ले आइये उसका मैचिंग ब्लाउज यहाँ आपको निश्चित रूप से मिल जायेगा ! हर रंग के हलके गहरे दर्जनों शेड यहाँ उपलब्ध हैं ! अलमारियों में विभिन्न रंग के करीने से लगे हुए हलके से गहरे होते हुए कपड़ों के सजे हुए थान बहुत आकर्षक लगते हैं ! लेकिन काले रंग के थानों में यह स्थिति नहीं होती क्योंकि शायद काले रंग का केवल एक ही शेड होता है ! परन्तु क्या काले धन के साथ भी यही स्थिति है ? शायद नहीं ! आइये इस पर भी ज़रा गौर करें !
हमारे जैसे आम आदमियों की समझ से तो काला धन वह धन है जिसको कमाने के बाद सरकार को टेक्स नहीं दिया गया है और उसका प्रयोग कैश के रूप में किया जाता है तथा अनेक तरह से उस काले धन को व्हाईट बनाने की मशक्कत की जाती है ! सच पूछा जाये तो इस काले धन के भी अनेकों शेड हैं और आज इसीके विभिन्न रूपों पर चिंतन करने का प्रयास कर रही हूँ !
१ – व्यापारियों द्वारा अधिक खर्च और कम बिक्री दिखा कर कम लाभ दिखाना और उस पर टेक्स बचाना ! शायद यह काले धन का सबसे हलके रंग का शेड है !
२ - ठेकेदारों द्वारा प्रोजेक्ट्स में घटिया सामान लगा कर निर्माण की गुणवत्ता खराब कर उससे बचाया गया धन ! यदि इस लाभ पर वह टेक्स दे भी देता है तब भी बचा हुआ धन काला ही है !
३ – ऐसा धन जिसे सरकारी अधिकारी एवं नेता रिश्वत लेकर ठेकेदारों के अधिक मूल्य वाले टेंडर पास कर कमाते हैं और उन ठेकेदारों को भी कमाई करने के लिये गुणवत्ता की बलि देने के लिये हरी झंडी दिखा देते हैं ! इस तरह ना सिर्फ पब्लिक की गाँठ से पैसा अधिक निकलता है बल्कि उससे जो निर्माण होता है वह भी घटिया क्वालिटी का होता है जिसका खामियाजा भी आगे पब्लिक को ही उठाना पड़ता है ! इस तरह कमाया हुआ धन भी काला धन ही है और इससे पहले वर्णित काले धन के शेड से अधिक गहरा शेड है !
४ - ब्लैकमेलर्स जो ठेकेदारों और पूंजीपतियों को धमका कर उनसे रंगदारी वसूल करते हैं यह भी काले धन का ही एक शेड है !
५ - बच्चों को किडनैप करके फिरौती के रूप में धन अर्जित करना या सुपारी लेकर किसीकी ह्त्या करने के बाद अर्जित किया हुआ धन भी काले धन का ही एक विकृत स्वरुप है !
६ - डॉक्टरों को प्रलोभन देकर मरीजों को मंहगी दवाएं, इलाज व परीक्षण के लिये मजबूर करना और इस प्रकार धन अर्जित करना भी काले धन का ही एक अन्य रूप है !
७ - मंदिरों और मठों में भक्तों की धार्मिक भावनाओं को उकसा कर उनसे धन वसूलना और फिर उनका अधार्मिक कार्यों के लिये प्रयोग करना भी तो काले धन का ही एक और भयानक स्वरुप है !
८ - सरकारी सुविधाएँ चाहे वे गरीबो के लिये बनी हों या उद्योग धंधों के विकास के लिये बनी हों उनको सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से हड़प कर उनके द्वारा धन कमाना भी तो काला धन ही है !
९ - दूध, दवाएं व अन्य खाद्य पदार्थों में ज़हरीली व अखाद्य चीजों की मिलावट कर कमाया गया धन भी तो काले रंग का ही विभिन्न शेड है !
१० - शिक्षा संस्थानों में अनेक तिकड़मों के द्वारा सरकारी ग्रांट्स का दुरुपयोग करना व विद्यार्थियों से ज़बर्दस्ती ऊँची फीस वसूल करना और इस प्रकार धन कमाना भी तो काला धन ही माना जायेगा !
शायद काले धन के और भी अनेक रूप हैं जिन तक पहुँच पाना मेरे लिये संभव नहीं हो पा रहा है ! अपने सुधी पाठकों से मेरा निवेदन है वे इस तरह अनैतिक रूप से धन एकत्र करने के प्रचलित तरीकों के बारे में स्वयम भी एक सूची बनाएँ और लोगों को इसकी जानकारी दें !
बस मुझे एक ही चिंता है कि यदि काले रंग के भी इतने सारे शेड हो जायेंगे तो बेचारे हमारे मौचिंग सेंटर के मालिक को काले रंग के शेडों के लिये भी कपड़ों की एक नयी अलमारी बनवानी पड़ जायेगी ! इस बार जाऊँगी तो देखूँगी वहाँ उसके लिये जगह है भी या नहीं !
साधना वैद
आपकी चिंता सचमुच जायज है...ये काले धन के विभन्न शेड्स तो सारे रंगों को धूमिल करते जा रहे हैं....और शुचिता का सफ़ेद रंग तो गायब ही हो जायेगा.
ReplyDeleteबहुत ही विचारपूर्ण...सर्वथा नई दृष्टि से युक्त आलेख
बहुत सटीक लिखा है आपने .. विचारणीय प्रस्तुति ।
ReplyDeleteकाले धन के अनेक रूप दर्शाए हैं आपने..वाह
ReplyDeleteनीरज
sateek varnan.......
ReplyDeleteaur ha kapde me bhee dhyan deejiyega kai shade hote hai kale ke........ :)
काले धन के भी मैचिंग सेंटर होते हैं तभी खूब फलता फूलता है ... अच्छा विचारणीय लेख ...
ReplyDeleteSadhna ji kale dhan ka bahut sateek vishleshan kiya hai aapne .badhai .
ReplyDeleteआपने काले धन के बारे मैं जो विस्तृत समीक्छा की है वो काबिलेतारिफ है.कला धन मिट जाये तो हमारे देश मैं छाया गरीबी का कालापन भी मिट जाए .
ReplyDeleteबहुत उम्दा व्यंग्य .. सचमुच रंग खो रहे हैं और काले रंग का बोलबाला हो रहा है... सुन्दर !
ReplyDeleteकाले धन के विभिन्न रूप है जो आप ने बताया..
ReplyDeleteमगर हमारे पास विकल्प की कमी है इन चोर नेताओं और व्योस्था को बदलने के लिए..
उम्मीद करें अन्ना का आन्दोलन और रामदेव बाबा का प्रयास सफल हो...
vicharneey prastuti.
ReplyDeleteमां के बेंक खाते से मां को बिन बताये पैसे निकलवाना भी तो, उस नालायक बेटे के लिये वो काला धन ही तो हे, जिस पर मां को पुरा विशवास हो.
ReplyDeleteसटीक और सार्थक लेख |कालेधन पर अच्छा लिखा है |
ReplyDeleteबधाई
आशा
काले धन के शेड्स से परिचय तो हो गया परन्तु इसको धोकर सफेदी लाने वाले साबुन भी बताना था. कलाकारी इसमें भी है.
ReplyDeleteबहुत विचारणीय लेख. बधाई.
@आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ राज जी ! बुरी नीयत से, बुरे काम के लिये और गलत तरीकों से अर्जित किया गया, छीना गया, उगाहा गया या संकलित किया गया हर धन काला धन है ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !
ReplyDeleteसुन्दर लेख...!!
ReplyDeleteहर बात से सहमत। बहुत विचारनीय पोस्ट है धन्यवाद।
ReplyDeleteकाले धन के विभिन्न रूप अच्छे लगे ,ये धन जाहिर कम ही होता है अधिकतर गोपनीय होता है |
ReplyDeleteआपका आलेख अन्तरात्मा को झकझोर गया ....बहुत बढ़िया ......यही हाल रहा तो
ReplyDeleteकाले रंग के लिये नयी आलमारी नहीं अपितु
एक नयी दुकान बनवानी पड़ेगी .....आभार !
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