Followers

Thursday, May 23, 2013

मेरा परिचय

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
विशाल हिमखण्ड के नीचे
मंथर गति से बहती
सबकी नज़रों से ओझल
एक गुमनाम सी जलधारा हूँ मैं !
अनंत आकाश में चहुँ ओर
प्रकाशित अनगिनत तारक मंडलों में
एक टिमटिमाता सा धुँधला सितारा हूँ मैं !
निर्जन वीरान सुनसान वादियों में
कंठ से फूटने को व्याकुल
विदग्ध हृदय की एक अधीर
अनुच्चरित पुकार हूँ मैं !
सुदूर वन में सघन झाड़ियों के बीच
खिलने को आतुर दबा छिपा
एक संकुचित नन्हा सा फूल हूँ मैं !
वेदना के भार से बोझिल
कलम से कागज़ पर शब्दबद्ध
होने को तैयार किसी कविता की
एक अनभिव्यक्त चौपाई हूँ मैं !
करुणा से ओत प्रोत किसी
निश्छल, निष्कपट, निर्मल हृदय की
अधरों की कैद से बाहर
निकलने को छटपटाती
एक मासूम सी पार्थना की प्रतिध्वनि हूँ मैं !
वक्त की चोटों से जर्जर, घायल, विच्छिन्न
किन्तु हालात के आगे डट कर खड़े
किसी मुफलिस की आँख से
टपकने को तत्पर
एक अश्रु विगलित मुस्कान में छिपा
विद्रूप का रुँधा हुआ स्वर हूँ मैं !
इस अंतहीन विशाल जन अरण्य में
अनाम, अनजान, अपरिचित,
विस्मृत प्राय एक नितांत
नगण्य सी शख्सियत हूँ मैं !
 
साधना  वैद

No comments :

Post a Comment