मातृ दिवस की आप सभीको अनंत शुभकामनाएं
ओ माँ मेरी
देखती रही
तुम्हारा चेहरा माँ
हर आँसू में
इन होंठों पे
सहेजती रही माँ
तुम्हारी स्मित
ओढ़ती रही
संस्कार की चादर
जो दी तुमने
जीती ही रही
हर अहसास जो
पाया तुमसे
न जाने कैसे
हू ब हू हो गयी हूँ
तुम्हारे जैसी
यह मैं नहीं
सभी तो कहते हैं
पता है तुम्हें
जो देखोगी ना
अपनी बेटी पर
गर्व करोगी !
साधना वैद
भुत सुन्द्स्त भाव |
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteबहुत खूबसूरत :)
ReplyDeleteस्वागत है संजय ! हार्दिक धन्यवाद एवं बहुत बहुत आभार आपका !
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