प्रियतम पुकारे
प्रेमातुर प्रणयिनी प्रियतमा
परसे परछाईं
पूछे प्रश्न प्रति प्रश्न
प्रबल प्रखर प्रवाहमान प्रेमावेग
प्रस्फुटित प्रेम पाती
पी पी प्याला प्रेमरस
पागल पवन पहुँचाए पाती
प्यारी प्रियतमा
पहने पीत परिधान
पहुँचे पवित्र प्रकोष्ठ
पूजे परम पूज्य
प्राण प्रतिष्ठित पावन प्रतिमा
प्रज्वलित प्रदीप
पहनाये पुष्पहार
प्रति पल प्रार्थनारत
पावे प्रतिदान
प्रेम प्रसाद !
चित्र - गूगल से साभार
साधना वैद
अप्रतिम रचना अनुप्रास की अद्वितीय छटा भावनाओं का अनुपात संगम आदरणीया
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद अभिलाषा जी ! आभार आपका !
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद भारती जी ! आभार आपका !
Deleteबहुत बहुत सुन्दर रच ना
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आलोक जी ! बहुत-बहुत आभार !
Deleteहार्दिक धन्यवाद मान्यवर !
ReplyDeleteवाह ! प्रत्येक पंक्ति का प्रारंभ समान अक्षर से, परंतु सौंदर्य और सार्थकता में कोई कमी नहीं । सादर।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद मीना जी ! आभार आपका !
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