Sudhinama
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Monday, April 21, 2014
स्पर्धा
खड़ी हूँ
अटल अडिग
निष्कम्प
तुम्हारे सामने
देखना है
असह्य दुर्दम्य
ताप तुम्हारा
जला देता है
मेरे संकल्प को
या हार मान कर
तुम
स्वयम् ही
अस्त हो जाते हो !
साधना वैद
चित्र - गूगल से साभार
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