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Saturday, December 15, 2018

समझौता



नितांत 
प्रेम विहीन, 
संवेदन विहीन,
सौन्दर्य विहीन,
सम्मान विहीन 
अनेकों समझौतों की 
खूँटियों से लटके 
अपने बेरंग बदसूरत से जीवन को 
उसने बड़े करीने से 
हालात से एक और समझौता करके
अपने रिश्तों की अलमारी में 
बेहद खूबसूरती से सजी 
एक बहुत सुन्दर सी मंजूषा में 
सजा कर रखा हुआ है 
अपने उन अपनों के लिए 
जो उसे जीवन में बहुत सुखी 
देखना चाहते हैं !


साधना वैद


चित्र - गूगल से साभार

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