स्वाधीनता दिवस की हीरक जयन्ति के उपलक्ष्य में विशिष्ट प्रस्तुति
मस्ती में झूमे
सातों गगन चूमे
तिरंगा प्यारा !
मिली आज़ादी
विहँसी माँ भारती
प्रफुल्ल देश !
झूमे मगन
लहराए तिरंगा
हर्षित धरा !
जिये आन से
सीमा की सुरक्षा में
मरे शान से !
देश महान
तुझ पर कुर्बान
है मेरी जान !
बुलंद नारे
गर्वित लाल किला
जोश में प्रजा !
देश की शान
भारत के गौरव
वीर जवान !
संकल्प लेंगे
अपने भारत का
मान रखेंगे !
वीर सैनिक
सीमा के रखवाले
माँ के दुलारे !
ऋणी रहेगा
तुम्हारी कुर्बानी का
भारत सारा !
जोड़ा है रिश्ता
तोप बन्दूक संग
किया विवाह
देश की सुरक्षा से
सीमाएं ससुराल !
निज रक्त से
करते अभिषेक
सजाते भाल
ऐसे वीर सपूत
डरे जिनसे काल !
कहो शान से
शायर ने भी कहा
दिलो जान से
सारे जहाँ से अच्छा
हिन्दोस्तान हमारा !
आन रखेंगे
अपने भारत का
मान रखेंगे
सूर्य से भी ऊपर
तेरा नाम रखेंगे !
सुनो न देव
बार-बार जनमूँ
इसी देश में
और फिर मिलूँ भी
वतन की माटी में !
साधना वैद
सभी पाठकों को स्वतन्त्रता दिवस की हीरक जयन्ति पर हार्दिक शुभकामनायें !
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (15-8-21) को "आजादी का मन्त्र" (चर्चा अंक-4157) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी। आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
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कामिनी सिन्हा
हार्दिक धन्यवाद कामिनी जी ! आपका बहुत बहुत आभार ! सप्रेम वन्दे !
Deleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 15 अगस्त 2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteअरे वाह ! सुखद समाचार दिग्विजय जी ! आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार ! वन्दे मातरम !
Deleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद एवं बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteसुंदर रचना...
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनिल जी ! वन्दे मातरम !
Deleteसुन्दर रचना!
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद गजेन्द्र जी ! बहुत बहुत आभार आपका ! जय भारत !
Deleteहार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! आपका बहुत बहुत आभार !
ReplyDeleteदेश प्रेम से ओतप्रोत रचना |
ReplyDeleteक्या बात है ! दिल से बहुत बहुत आभार जीजी ! आज तो सूरज पश्चिम में निकला हुआ लगता है !
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