दुनिया है फानी
सदा आनी जानी
सुनाती हूँ
तुमको
सुनो ये कहानी
गज़ब था बुढापा
अजब थी जवानी
वो थी शाहजादी
बला की दीवानी
भाया था उसको
एक बूढा अमानी
था झुर्रीदार
चेहरा
नज़र थी रूहानी
हसीना को भाई
कमर की कमानी
सुनती थी उससे
हर दिन कहानी
धड़कता था दिल
छलकता था पानी
सुनाता था उसको
जब वो कहानी
उसे देख रोता
पिलाता था पानी
मनाता था उसको
सिखाता था मानी
सभी जानते थे
था रिश्ता
रूहानी
करते थे इज्ज़त
बड़ी थी रवानी
है कितनी मनोरम
और कितनी
सुहानी
दोनों अजूबों
की
दिल कश कहानी
साधना वैद
दो अजूबों की दिलकश कहानी
ReplyDeleteबेहद सुंदर
आभार
सादर वंदन
हार्दिक धन्यवाद यशोदा जी ! दिल से आभार सखी ! सप्रेम वन्दे !
Deleteबहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आलोक जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteवाक़ई अनोखी कहानी है यह
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद अनीता जी ! आपको कहानी अच्छी लगी ! मेरा लिखना सार्थक हो गया !
Deleteसराहनीय रचना
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद ओंकार जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteबहुत-बहुत अच्छी लगी ये कहानी । इसकी रवानी। जज़्बा रूहानी ।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद नूपुरम जी ! आभार आपका !
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