क्यों
वक्त के साथ
ख्वाहिशों
की कभी
उम्र
नहीं बढती !
क्यों
आँखों के सपने
बार-बार
टूट कर भी
फिर
से जी उठते हैं !
क्यों
उम्मीदें हमेशा
नाकाम
होने के बाद भी
जवान
बनी रहती हैं !
क्यों
प्यार का सरोवर
ज़माने
का भीषण ताप
सहने
के बाद भी
कभी
नहीं सूखता !
क्यों
नैनों में बसा इंतज़ार
जब
तक अपने प्रियतम को
सामने
ना देख ले कभी
खत्म
ही नहीं होता !
हज़ार
अजनबी आहटों में से
कान
कैसे बिना देखे ही
उस
चिर प्रतीक्षित आहट को
पहचान
लेते हैं जिसे सुन
शिराओं
में रक्त की गति
अनायास
ही तीव्र हो जाती है !
क्यों
गुज़रे पलों के
फूलों
से नाज़ुक एहसास
किसी
भी हाल में
कभी
मुरझाते नहीं !
क्यों
भावनाएं हमेशा
बूढ़े
होते जिस्म में भी
एक
षोडशी की तरह
अल्हड़
और मासूम
ही
बनी रहती हैं !
क्यों
मन को महकाने वाली
मदमस्त
मोहक खुशबू
सालों
के इतने लंबे
अंतराल
के बाद भी
कभी
मंद नहीं पड़ती !
क्यों
प्यार के भीगे जज़्बात
बेरुखी
और अवमानना की
आँच
सहने के बाद भी
कभी
शुष्क नहीं होते !
क्यों
बढ़ती उम्र की झुर्रियाँ
मन
की कोमल भावनाओं के
चहरों
पर दिखाई नहीं देतीं !
क्यों
वक्त का खुरदुरापन
हृदय
की दीवारों पर अपने
निशाँ
नहीं छोड़ पाता !
क्यों
अंतर में प्रदीप्त
प्यार
की प्रखर लौ
किसी
आँधी किसी
तूफ़ान
के आगे
कभी
बुझती नहीं !
क्यों
दिल हज़ारों सदमे
झेलने
के बाद भी
हताश
हुए बिना
ताउम्र
यूँ ही बेसबब
धड़कता
रहता है !
क्योंकि
यह प्यार है
और
प्यार का कभी
दमन
नहीं होता !
साधना
वैद
क्योंकि यह प्यार है
ReplyDeleteऔर प्यार का कभी
दमन नहीं होता !
इसके बाद कहने को कुछ बचा ही नहीं :)
आपने सही कहा साधना जी ....ये प्यार ही है ...
ReplyDeleteबहुत सार्थक भावाभिव्यक्ति....
यही तो प्यार है ..सार्थक भावाभिव्यक्ति..
ReplyDeleteप्यार तो प्यार ही है |एक सशक्त रचना |
ReplyDeleteआशा
ख्वाहिशों की उम्र बढती है उसकी तीव्रता में
ReplyDeleteफिर वह थक जाती है
चलती है,पर एक दर्द लिए ,,,,,,,,
प्यार तो अथाह समंदर है,लहरों का वेग मन की अतल गहराइयों से
बार बार निरंतर रहता है
बहुत सुंदर प्रस्तुति.....
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति.....
ReplyDeleteवाह! लाजवाब लेखन | आनंदमय और बहुत ही सुन्दर, सुखद अभिव्यक्ति विचारों की | पढ़कर प्रसन्नता हुई | आभार
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteक्योंकि यह प्यार है
ReplyDeleteऔर प्यार का कभी
दमन नहीं होता !
गहनता लिये उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ....
सादर
ख्वाहिशें उम्र की मोहताज नहीं होतीं .... बहुत सुंदर रचना ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार के "रेवडियाँ ले लो रेवडियाँ" (चर्चा मंच-1230) पर भी होगी!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
very nice ...sateek
ReplyDeleteक्यों प्यार के भीगे जज़्बात
ReplyDeleteबेरुखी और अवमानना की
आँच सहने के बाद भी
कभी शुष्क नहीं होते ! ...kyonki yahi pyaar hai .....sacchi bat ...
और प्यार का कभी
ReplyDeleteदमन नहीं होता !
........उत्कृष्ट अभिव्यक्ति बहुत सुंदर रचना ।